जयपुर, एमएम : लगता है राजस्थान में पिछले एक महीने से जारी सियासी संकट खत्म हो गए हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच गिले शिकवे दूर होते नजर आ रहे हैं। तभी तो राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को यानि 13 अगस्त को सचिन पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे। बतादें कि पिछले एक महीने से राजस्थान में जारी सियासी संकट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी यह पहली मुलाकात है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने प्रेस के सामने मुलाकात के दौरान पहले मुस्कुराए और फिर एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया।
जयपुर: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके आवास पर मुलाकात की। https://t.co/uSaDdQS4kd pic.twitter.com/b0SsRFWZXk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 13, 2020
यदि पार्टी सूत्रों की माने तो विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन नाराज विधायकों की वापसी के बाद बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए गुरुवार शाम को बैठक बुलाई गई।
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट एवं कांग्रेस के 18 अन्य विधायक मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व से कथित तौर पर नाराज थे और वे 10 अगस्त को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात करके लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे हैं। बतादें कि राजस्थान में लगभग एक महीने से जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच विधानसभा का सत्र शुक्रवार (14 अगस्त) से शुरू हो रहा है।
सबकुछ अच्छे से हो गया। अब कांग्रेस परिवार एक साथ है, हम मिलकर भाजपा की गंदी राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे। कल विधानसभा में कांग्रेस पार्टी एकजुटता से खड़ी होगी: CLP मीटिंग के बाद के. सी. वेणुगोपाल, राजस्थान pic.twitter.com/X7EhCVIgAD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 13, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ”कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र को बचाने की है। पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी मतभेद हुआ है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें भुलाना होगा और माफ करके आगे बढ़ने की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में लगना है।”
#SaveDemocracy should be our priority with the spirit of forgive and forget. The conspiracy that is going on to topple elected governments one by one in the country, the way governments were toppled in the states of Karnataka, Madhya Pradesh, Arunachal Pradesh & other states,
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 13, 2020
We have to put all our energies in this fight to save democracy with the spirit of forgive & forget and move forward.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 13, 2020
गहलोत ने ट्वीट किया, ”मैं उम्मीद करता हूं कि भूल जाओ और माफ करो की भावना के साथ ‘लोकतंत्र की रक्षा करना’ हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। देश में चुनी हुई सरकारों को एक-एक करके तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह गिराई जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, आयकर, न्यायपालिका का जो दुरुपयोग हो रहा है, वह लोकतंत्र को कमजोर करने का बहुत खतरनाक खेल है।”
अब देखना होगा कि विपक्ष सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी या नही।