दिल्ली, एमएम : लगता है नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के बोली में नरमी आई है। इतना ही नहीं चीन के बह्काबे में आकर भारत जैसे पड़ोसी मुल्क से बिगड़ते रिश्तों की ताड़ एक बार फिर जोड़ने की कोशिश में जुट गए हैं। तभी तो स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ओली ने प्रधानमंत्री मोदी को फ़ोन कर बढाई दी साथ ही 10 मिनट तक बात भी की। कई महीनों की संवादहीनता और तल्खी के बीच आज यानी सोमवार को भारत और नेपाल के बीच अहम बैठक हो रही है। संबंध सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दोनों देशों के उच्च अधिकारी नेपाल में भारत स्पॉन्सर्ड परियोजनाओं को लेकर 17 अगस्त को समीक्षा बैठक कर रहे हैं। वैसे तो यह एक तरह से पहले से निर्धारित बैठक है और इसका सीमा विवाद से कोई खास संबंध नहीं है, मगर मौजूदा हालात को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि इससे दोनों देशों की तल्खी को कम करने की दिशा में अच्छे संबंध की नींव रखी जा सकती है।
India and Nepal held the 8th meeting of the Oversight Mechanism (OSM) through digital video Conferencing today. The meeting carried out a comprehensive review of bilateral economic and development cooperation projects: Embassy of India, Kathmandu #Nepal pic.twitter.com/VOY5eWF7jd
— ANI (@ANI) August 17, 2020
इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि बैठक से ठीक पहले नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली ने पीएम मोदी से बात की है। नेपाल-भारत निरीक्षण तंत्र की यह 8वीं बैठक दोनों देशों के मध्य हाल के सीमा विवाद से उत्पन्न तल्ख तेवरों में नरमी की उम्मीद के तौर पर देखी जा रही है। 9 माह बाद हो रही बैठक 17 अगस्त को जो काठमांडू में प्रस्तावित था हो रही है। बता दें कि बीते कुछ समय से चीन के बहकावे में नेपाल अकड़ दिखा रहा है।
दरअसल, महीनों तक चीन के इशारे पर भारत के साथ तल्खी बढ़ाने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों नेताओं में बीतचीत की जानकारी देते हुए कहा था कि पीएम मोदी को नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने फोन किया था। पीएम ओली ने सरकार और देश के लोगों को 74वें स्वतंत्रता दिवस और हाल ही में भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य चुने जाने को लेकर बधाई दी।
बैठक से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली बातचीत कूटनीतिक हिसाब से काफी मायने रखते हैं। दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई यह बातचीत इसलिए अहम है क्योंकि नेपाल द्वारा नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय इलाकों को शामिल किए जाने की वजह से पैदा हुए तनाव के बाद पहली बार सर्वोच्च स्तर पर बातचीत हुई है। पड़ोसी देश में भारत कई तरह के विकास कार्यों में सहयोग कर रहा है और दोनों देशों के बीच सदियों से बेहद दोस्ताना रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में केपी शर्मा ओली की सरकार ने भारत के साथ तनाव बढ़ाने वाले कदम उठाए और बयानबाजी से आग में घी डालने का काम किया है।
बतादें कि नेपाल की तरफ से बैठक की अगुआई विदेश सचिव शंकर दास बैरागी कर रहे हैं। भारतीय दल का नेतृत्व नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा कर रहे हैं। यह बैठक हालांकि भारत पोषित परियोजनाओं की समीक्षा के लिए हो रही है, लेकिन अधिकारियों और राजनायिकों का कहना है कि इसे दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू होने के रूप में देखा जा रहा है।