पटना, एमएम : लद्दाख में 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों पर धोखे से हमला करने वाले चीन को बिहार ने बड़ा झटका दिया है। चीन के बॉयकॉट मुहिम को आगे बढ़ाते हुए नीतीश कुमार की सरकार ने चाइनीज कंपनियों से बड़ा प्रॉजेक्ट छीन लिया है। बिहार सरकार ने रविवार पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के बगल में बनने जा रहे नए पुल का टेंडर रद्द कर दिया है। सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि प्रॉजेक्ट के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चाइनीज थे।
नंद किशोर यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ”महात्मा गांधी सेतु के साथ बनने जा रहे नए पुल के लिए चुने गए 4 कॉन्ट्रैक्टर्स में से दो के पार्टनर चाइनीज थे। हमने उन्हें पार्टनर बदलने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमने टेंटर को रद्द कर दिया है। हमने दोबारा आवेदन मंगवाए हैं।”
बिहार ने चीन को झटका देते हुए बॉयकॉट मुहिम को और हवा दे दी है। बतादें कि इससे पहले भारत सरकार ने बीएसएनएल जैसे संचार उपक्रम में चीनी सामान से शुरू हुए इस मुहीम के बाद कितने राज्य ने इस पर अमल किया। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आद्तियानाथ के निर्देश पर बिजली मीटर के खरीद पर रोक लगा दी। उसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी 5 हजार करोड़ के निवेश को कैंसिल कर दी थी।
2 of 4 contractors who were selected for construction of a new bridge parallel to Mahatma Gandhi Setu, had Chinese partners. We asked them to change their partners but they didn't, so we cancelled their tender. We have called for applications again: Bihar Min Nand Kishore Yadav pic.twitter.com/JK5mz7a8lS
— ANI (@ANI) June 28, 2020
इतना ही नहीं भारत व चीन के बीच बढ़े तनाव का असर बिहार में कार्यरत चीनी कंपनियों व यहां आने वाले पर्यटकों पर भी पड़ा है। बतादें कि बिहार में चीन के खिलाफ उठाए गए उक्त सरकारी कदम के अलावा जगह-जगह निजी स्तर पर भी विरोध जारी है। गया के बोधगया होटल एसोसिएशन एवं बोधगया रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बोधगया आनेवाले चीनी यात्रियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने होटलों व रेसटोरेंट में चीनी यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंधन लगा दिया है। गौरतलब है कि चीन से बोधगया हर साल 10 हजार से भी अधिक पर्यटक आते हैं। उनके बहिष्कार के कारण उनके समक्ष बोधगया में रहने-खाने की बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी और शानशी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी (जॉइंट वेंचर) को प्रॉजेक्ट के लिए चुना गया था। इस प्रॉजेक्ट को पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने मंजूरी दी थी, जिसकी अगुआई पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी।
बिहार की राजधानी पटना में 14.500 किलोमीटर लंबे प्रॉजेक्ट में 5.634 किलोमीटर का पुल शामिल है, जो गंगा नदी और एनएज 19 पर चार लेन के मौजूदा महात्मा गांधी सेतु के साथ-साथ बनेगा। इसमें चार अंडरपास, एक रेल ओवर ब्रिज, 1580 मीटर लंबा एक पुल, चार छोटे पुल, पांच बस शेल्टर और 13 रोड चौराहे बनने हैं। पर 29.26 अरब रुपए खर्च होने का अनुमान है और प्रॉजेक्ट 3.5 साल में पूरा होगा।