लखनऊ, एमएम : उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर कांड के मोस्टवांटेड विकास दुबे को दबोचने के लिए और शिकंजा कस दिया है। कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव मे उत्तर प्रदेश पुलिस के डिप्टी एसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद फरार मुख्य आरोपित विकास दुबे पर प्रदेश सरकार ने और बड़ा इनाम घोषित कर दिया है। जांच के साथ ही विकास दुबे आपराधिक गतिविधियों बढ़ रही संलिप्तता को देखते हुए योगी सरकार ने उस पर इनाम राशि ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है।
Reward on the head of history sheeter #VikasDubey increased to Rs 5 Lakhs (Earlier picture)
Vikas Dubey is the main accused in Kanpur encounter and has been absconding since the incident, where eight Policemen were shot dead by criminals. pic.twitter.com/2NaHmh9Gpv
— ANI UP (@ANINewsUP) July 8, 2020
लखनऊ में बुधवार को एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कानपुर की घटना में जो भी शामिल हैं उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने ने भी इस घटना को अंजाम दिया है, उन्हें पछतावा होगा। प्रशांत कुमार ने कहा कि घटना के तत्काल बाद दो अपराधी पुलिस मठभेड़ में मारे गए और पुलिस से लूटा गया असलहा भी बरामद कर लिया गया। इसी क्रम में बुधवार सुबह हमीरपुर जिले में इस घटना का वांछित अमर दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। मारे गए अमर दुबे के पास से एक अवैध सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल मिली है।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक कुल आठ आरोपित पकड़े गए हैं और तीन को मुठभेड़ में मारा गिराया गया है। मारे गए अमर दुबे का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा घटना में शामिल सभी अपराधियों पर कार्रवाई होगी। कानपुर में हुई मुठभेड़ में विकास के साथी श्यामू वाजपेयी, संजीव दुबे और जहांन यादव को पकड़ा गया है। इनमें श्यामू पर 50 हजार का इनाम था।
10 Constables transferred to Chaubepur police station. As per IGP Kanpur Mohit Agarwal, all personnel of the police station are under scope of investigation in connection with #KanpurEncounter pic.twitter.com/LSyIJWdQ35
— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2020
इधर कानपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्र द्वारा लिखी चिट्ठी की जांच में फंसे कानपुर के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को डीआईजी एसटीएफ के पद से हटा दिया गया है। उन्हें मुरादाबाद में पीएसी सेक्टर में डीआईजी बनाया गया है। उधर, इस कांड में संदिग्ध भूमिका के कारण पूरे चौबेपुर थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है। लाइन में तैनात पुलिस कर्मियों को चौबेपुर थाने में तैनाती दे दी गई है। वायरलेस सेट से मैसेज भी पास करा दिया गया कि सभी रात में ही लाइन में आमद कराएं। पुलिस लाइन से दरोगा, सिपाहियों की तैनाती भी कर दी गई।
#KanpurEncounter: IG Kanpur Range Mohit Agarwal has issued orders to hold an enquiry against the entire police staff at Chaubeypur Police Station; all 68 police personnel of the police station have been sent to district lines.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2020
बतादें कि सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में पुलिस की नाकामी से सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने 50 से ज्यादा टीमें लगा रखी हैं, लेकिन अभी तक नतीजा शून्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर चल रही छापामारी पर एक-एक अपडेट खुद ले रहे हैं।
मिल रही जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह सीएम योगी ने लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह को जांच के लिए कानपुर भेजा था। आईजी ने कानपुर जाकर जांच की और प्रारंभिक जांच के तथ्यों से शासन के आला अधिकारियों को अवगत कराया। इसके बाद सीएम के निर्देश पर बिकरू कांड की जांच में लगे अनंत देव को हटा दिया गया। कानपुर में एसएसपी रहने के दौरान अनंत देव ने सीओ देवेंद्र मिश्र द्वारा चौबेपुर के थानाध्यक्ष की शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के परिजनों ने एक पत्र जारी कर आरोप लगाया था कि एसओ चौबेपुर के खिलाफ की गई उनकी शिकायत पर तत्कालीन एसपी ने ध्यान दिया होता तो बिकरू कांड नहीं होता।