दिल्ली, एमएम : आपतकाल सुनते ही लोगों का मन घबड़ा जता है। गुरुवार को आपातकाल के 45 साल पूरे हो गए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वालों को याद किया और कहा कि उनके बलिदान को देश भूल नहीं पाएगा। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा।”
पीएम मोदी ने ट्वीट के साथ मन की बात का अंश शेयर किया, जिसमें वह आपातकाल के बारे में बता रहे हैं। पीएम मोदी इसमें कहते हैं, ”जब देश में आपातकाल लगाया गया तो उसका विरोध केवल राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, जेल की सलाखों तक आंदोलन सिमट नहीं गया था, जन-जन में आक्रोश था। खोए हुए लोकतंत्र की एक तड़प थी।”
आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा। pic.twitter.com/jlQVJQVrsX
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2020
पीएम मोदी ने कहा, ”जब समय पर खाना खाते हैं तो भूख क्या होती है इसका पता नहीं होता है। ठीक उसी तरह सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकारों का क्या मजा है, वह तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लेता है। आपातकाल में देश के हर नागरिक को लगने लगा था कि उसका कुछ छीन लिया गया है। जिसका उसने जीवन में कभी उपयोग नहीं किया था वह भी छिन गया है तो उसका दर्द उसके दिल में था।”
पीएम मोदी कहते हैं, ”समाज व्यवस्था को चलाने के लिए संविधान की भी जरूरत होती है, कायदे कानून और नियमों की भी आवश्यकता होती है। अधिकार और कर्तव्य की भी बात होती है। लेकिन भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए लोकतंत्र हमारा संस्कार, संस्कृति और विरासत है। हम इसके साथ पले बढ़े लोग हैं। देश ने अपने लिए नहीं एक पूरा चुनाव अपने लिए नहीं लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहूत कर चुका था। शायद दुनिया के किसी देश में वहां के जन-जन ने लोकतंत्र के लिए अपने बाकी हकों और आवश्यकतओं की परवाह किए बिना मतदान किया हो तो इस देश ने 1977 में देखा था।”
As one of India’s opposition parties, Congress needs to ask itself:
Why does the Emergency mindset remain?
Why are leaders who don’t belong to 1 dynasty unable to speak up?
Why are leaders getting frustrated in Congress?
Else, their disconnect with people will keep widening.
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020
बतादें कि प्रधानमंत्री से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला और आरोप लगाया कि एक परिवार के हित दलीय व राष्ट्रीय हितों पर हावी हो गए हैं। उन्होंने साथ ही सवाल किया कि ”आपातकाल की मानसिकताक्यों आज भी कांग्रेस में मौजूद है। आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर शाह ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट किए और दावा किया कि कांग्रेस के नेता अब अपनी ही पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं। उनके मुताबिक जनता से विपक्षी पार्टी की दूरी बढ़ती जा रही है। देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू रहा। इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं।