पश्चिम चंपारण, एमएम : नेपाल की हिमाकत जिस कदर बढ़ती जा रही थी। मानो वो अपनी तुलना पाकिस्तान से कर रहा हो। पहले भारत के तीन भू भाग को अपने नक्शे में दर्शाना, फिर सीतामढ़ी बॉर्डर पर फायरिंग और अब पश्चिमी चंपारण में बांध मरम्मत का काम रोकना। इस सब से भारत नेपाल के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही थी। लेकिन नेपाल से बढ़ी तल्खी के बीच एक राहत की खबर आई है। वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज के दाएं एफलेक्स बांध की मरम्मत को नेपाल की ओर से हरी झंडी मिल गई है। जिससे बिहार और यूपी पर संभावित बाढ़ का खतरा टलता दिख रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो गंडक के तटवर्ती इलाके खासकर उत्तर बिहार में भारी तबाही की आशंका थी।
नेपाल सरकार ने संभावित बाढ़ और बराज पर बढ़ रहे दबाव को देखते हुए कटावरोधी कार्य कराने की अनुमति प्रदान की है। नवलपरासी सीडीओ वासुदेव ने इस आशय से जुड़ा पत्र जारी किया, इसके उपरांत मंगलवार से मरम्मत का काम शुरू हुआ। जिससे सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।
West Champaran: Labourers & team of Bihar Water Resources Dept went to Nepal today to carry out repair work of Gandak dam after the 2 countries agreed for the same. Bagaha SDM Vishal Raj says, "Around 50 labourers have been permitted,more will go if needed. We've talked about it" pic.twitter.com/b5NO8dv9LX
— ANI (@ANI) June 23, 2020
नेपाल के संपर्क पदाधिकारी सह भू-अर्जन पदाधिकारी तारा सिंह ने बताया कि भारतीय अभियंताओं ने एफलेक्स बांध की सुरक्षा के लिए 50 मजदूरों को नेपाल ले जाने की अनुमति मांगी थी। बता दें कि शीर्ष कार्य प्रमंडल वाल्मीकिनगर के अंतर्गत कुल चार कटाव निरोधी कार्य कराने हैं। नौ करोड़ की लागत से किया जा रहा कटावरोधी कार्य मध्य चरण में है।
2002 में टूटा था एफलेक्स बांध
23 जुलाई 2002 को जब गंडक नदी का जलस्तर 6.29 लाख क्यूसेक पहुंचा तो दबाव के कारण गंडक बराज का दायां एफलेक्स बांध टूट गया था। जिससे सीमावर्ती नेपाल में भारी क्षति हुई थी। गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि गंडक बराज के जलाशय में सिल्ट जमा होने से इसकी क्षमता घटकर छह लाख क्यूसेक हो गई है। 21 जुलाई 2016 की मध्य रात्रि गंडक बराज का 33 नंबर फाटक क्षतिग्रस्त हो गया था। फिलहाल बराज के तीन फाटक क्षतिग्रस्त हैं, जिन्हेंं बरसात के बाद बदला जाना है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते बगहा के एसडीएम विशाल राज ने कहा कि नेपाल सरकार से 50 मजदूरों को काम करने की इजाजत मिली है साथ ही कहा गया है की आवश्यकता पड़ने पर और मजदूर जा सकेंगे। अनुमति मिलने के बाद बांध की मरम्मत का काम मंगलवार को शुरू कर दिया गया है।