पटना, एमएम : भारत-चीन सीमा पर गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में पटना के एक जवान ने देश के लिए अपनी जान कुर्वान कर दी। बिहटा प्रखंड में सिकरिया पंचायत के तारानगर निवासी बासुदेव साव की छोटे पुत्र हवलदार सुनील कुमार भी हिंसक झड़प में शहीद हो गए। शहीद सुनील कुमार अमर रहें। जब तक सूरज चांद रहेगा सुनील तेरा नाम रहेगा। वंदे मातरम। एक के बदले सौ लेंगे। इन नारों से गुरुवार की सुबह आसमां गूजं गया। भारत-चीन सीमा पर गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में पटना निवासी शहीद सुनील कुमार का शव सुबह बिहटा पहुंचा। दानापुर से निकलने के दौरान ही बड़ी संख्या में लोग साथ होते गए। अपने सपूत के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। कहीं किसी की आंखें नम दिखीं तो कहीं चीन की हरकत पर गुस्सा भी। बाद में मनेर में शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। पुत्र आयुष ने शहीद सुनील कुमार को मुखाग्नि दी।
Bihar: Last rites of Havaldar Sunil Kumar, who lost his life in the violent face-off with China in #GalwanValley, being performed in Maner#Bihar #Patna pic.twitter.com/PGwn24BKZf
— ANI (@ANI) June 18, 2020
सुबह करीब 5.30 पर जब शहीद सुनील कुमार का शव बिहटा स्थित उनके गांव पहुंचा तो माहौल बदल गया। शहीद को देखते ही स्वजन फूट-फूटकर रोने लगे। इस दौरान स्वजनों के साथ पूरा गांव बिलख पड़ा। सभी की आंखें नम थीं। ग्रामीणों ने शहीद के शव के साथ ही 300 मीटर का झंडा भी लेकर चल रहे थे। झंड़े को बड़ी संख्या में लोगों ने थामे रखा था।
बेटा बोला, गर्व है शहीद पिता का पुत्र कहलाने में
बुधवार को राजधानी के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अपने शहीद पिता के शव को लेने पहुंचा 10 वर्षीय आयुष पिता के शहीद होने पर उदास तो था पर विचलित नहीं। उसे अपनी पिता की शहादत पर गर्व था। आयुष ने कहा उसे अपने पिता पर गर्व है, जो देश के लिए शहीद हो गए। उसकी एक ही इच्छा है कि प्रधानमंत्री उसके पिता के बलिदान को व्यर्थ न जानें दें। चीन को सबक सीखा दें।
शहीद को पत्नी और उनकी बेटी ने आखिरी सलामी दी और वीरांगना पत्नी ने कहा कि आज मैंने पति को खोया है लेकिन मैं अपने दोनों बेटों को भी सेना में ही भेजूंगी और वे एक के बदले दस चीनी सैनिकों को मारकर अपने पिता का बदला लेंगे। सुनील के दो पुत्र आयुष (11) विराट (4) एवं एक पुत्र सोनाली (13) हैं। सभी आर्मी स्कूल दानापुर में पढ़ते हैं।
(photo credit- ANI & Dainik jagran)