लखनऊ, एमएम : पिछले गुरुवार यानि 2 जुलाई की रात को कानपुर में हिस्ट्रीशिटर विकास दुबे को पकड़ने गा पुलिस टीम पर अपराधियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी की जान चलि गई थी। आज तीन दिन बीत जाने के बाद भी उस कांड का मुख्या आरोपी अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। लगातार छापेमारी की जा रही है। अब कानपुर एनकाउंटर में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों का मुख्य हत्यारोपी विकास दुबे के ऊपर इनाम की राशि ढाई लाख की गई। डीजीपी एच.सी अवस्थी ने इसकी घोषणा की है। आईजी रेंज कानपुर ने इनाम की रकम ढाई लाख किए जाने की संस्तुति करते हुए फ़ाइल डीजीपी ऑफिस भेजी थी। इससे पहले 50 हजार और उसके बाद 1 लाख इनाम की राशि की गई।
Reward on the head of history sheeter Vikas Dubey increased to Rs 2.5 lakhs: Office of Uttar Pradesh Director General of Police (Earlier picture)
Vikas Dubey, is the main accused in Kanpur encounter case in which 8 police personnel lost their lives. pic.twitter.com/rwkCVex5h3
— ANI UP (@ANINewsUP) July 6, 2020
कानपुर में गुरुवार रात बदमाशों द्वारा पुलिस पर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। एक सीओ और दो एसओ समेत आठ पुलिसकमिर्यों पर हमला करके जान लेने का आरोपी कुख्यात बदमाश विकास दुबे पर 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर अपने चचेरे भाई पर जानलेवा हमला करने का भी आरोप है। बताया जा रहा है भाई को मारने के लिए उसने जेल में बैठकर पूरे साजिश रची थी। वहीं 19 साल पहले 2001 में उस पर थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप था। इस हत्याकांड का कोई गवाह न मिलने पर बरी हो गया था।
साल 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपित है।
बतादें कि यूपी की सीमाओं को सील कर दिया गया है। नेपाल बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। विकास की अंतिम लोकेशन पुलिस ने औरैया में ट्रेस की थी। इसके बाद पुलिस अधिकारी ये बता रहे हैं कि वो यूपी की सीमाओं को सील करने से पहले ही यूपी छोड़ चुका था।