पटना, एमएम : बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। हरेक राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण साधने पर लगे में हैं। ऐसे में कोई भी मुद्दा पर विपक्षी दल सरकार को कटघरे में खड़ा करने से भला कहाँ चुकने वाली है। बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसी पर सरकार को घेरते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार को आमलोगों की जान से ज्यादा चिंता चुनाव की है। दावा किया है कि एक महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या छह गुना हो गई। लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने शनिवार को ट्वीट कर यह दावा किया है कि 14 मई को राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या मात्र 970 थी और 14 जून को 6355 हो गई, यानी छह गुना वृद्धि हुई। लेकिन सरकार चुनाव की तैयारी में लगी है। आमलोगों को लगा था कि सरकार की प्राथमिकता अभी कोरोना से लोगों को बचाना है, अब ऐसे लोग भी निराश हो गये।
No.of #COVID cases in Bihar as on:
14-05-20 970
14-06-20 𝟲𝟯𝟱𝟱Within a month, cases hv increased 𝘀𝗶𝘅-𝗳𝗼𝗹𝗱.
Public expectation was that govt would single-mindedly focus on health crisis & leave politics for another day. But its priority is election!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 20, 2020
बतादें कि शनिवार को तेजस्वी यादव वैशाली के शहीद जय किशोर सिंह के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना दिया। वहीँ तेजस्वी यादव ने कहा कि जल्द ही वह स्थानीय कार्यकर्ताओं की मदद से वैशाली के वीर शहीद जयकिशोर सिंह के नाम पर स्मारक और गेट निर्माण का कार्य शुरू करेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने उनके घर जाकर शहीद के पिता से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
दुश्मन को अपनी वीरता का परिचय देकर देश की ख़ातिर शहादत देने वाले वैशाली के वीर शहीद जवान जयकिशोर सिंह के पिता श्री और परिजनों से मिल शोक-संवेदना प्रकट की।
हम स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग से जल्द ही वीर शहीद के नाम पर स्मारक और गेट निर्माण का कार्य शुरू करेंगे। pic.twitter.com/YMmiuYqGbA
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 20, 2020
हालंकि इस ट्वीट पर जबाब देते हुए प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि जनता अब तेजस्वी यादव की बात सुनने वाली नहीं है। महागठबंधन को जनता ने नीतीश कुमार के चेहरे पर जनादेश दिया था। जनादेश करप्शन के लिए नहीं दिया था। इतना ही नहीं संजय सिंह ने कहा अपराध के आंकड़े गिनवाने के लिए जब उंगलियां कम पड़ जाएं, तो उसे जंगलराज कहते हैं। आरोप लगाया कि राजद के शासनकाल में हत्या, अपहरण और बलात्कार के आंकड़े भले ही कागजों में दर्ज हों, लेकिन उस खौफ के दौर को लोग अभी तक महसूस करते हैं।