दिल्ली, एमएम : दिल्ली में कोरोना के मामलों का पता लगाने के लिए 25 जून से घर-घर जाकर इसकी जांच शुरू कर दी गई। गुरुवार को स्वास्थ्य कर्मियों टीमें मजनूं का टीला इलाके के पुराने चंद्रावल क्षेत्र के लोगों की जांच के लिए उनमें कोविड-19 के लक्षणों का पता लगाने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कर रही हैं। इन टीमों में एक नर्स और एक आशा कार्यकर्ता शामिल है।
Delhi: A team of two health officials, a nurse & an ASHA worker conducts a door-to-door screening campaign to check people for signs of #COVID19 in Old Chandrawal area of Majnu Ka Tilla. pic.twitter.com/hkWON11dlP
— ANI (@ANI) June 25, 2020
सिविल लाइंस के एसडीएम प्रदीप तायल ने बताया कि इस इलाके के लिए 5 टीम बनाई गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, लक्षण वाले और कोमोरबिड लोगों की पहचान करना है।
दिल्ली:मजनू का टीला इलाके के चंद्रावल गांव में स्वास्थ्य अधिकारी लोगों का डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे हैं।सिविल लाइंस के SDM प्रदीप तायल ने बताया-"इस इलाके के लिए 5टीम बनाई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य 60वर्ष से ज़्यादा उम्र के लोगों,लक्षण वाले,कोमोरबिड लोगों की पहचान करना है।" #COVID19 pic.twitter.com/U2rxPNDU1K
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2020
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने अपनी कोविड-19 योजना में काफी बदलाव किए हैं, जिनमें छह जुलाई तक घर-घर जाकर सभी की जांच पूरी करना, ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्र के संक्रमित व्यक्ति को देखभाल केन्द्र में भर्ती कराना, कंटेनमेंट जोन में सीसीटीवी और ड्रोन की मदद से लोगों की आवाजाही पर नजर रखना आदि शामिल है।
इस संशोधित योजना के आठ बिन्दुओं में से एक यह भी है कि यदि किसी बेहद संदिग्ध व्यक्ति की रैपिड एंटीजन टेस्ट यानि आरएटी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो गोल्ड स्टैंडर्ड आरटी-पीसीआर जांच करा कर उसकी पुष्टि की जानी चाहिए।
बतादें कि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा गठित हाईलेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सलाह दी थी कि दिल्ली में कोरोना मरीजों के संपर्क में आए सभी लोगों को आइसोलेशन में रखा जाए, सभी कंटेनमेंट जोन का परिसीमन किया जाए।
संशोधित योजना के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत बेहद घनी आबादी वाले क्षेत्रों के कोरोना मरीज या क्लस्टर मामलों को कोविड केयर सेंटर भेजा जाएगा। इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन का सीमा निर्धारण 26 जून तक कर लिया जाएगा।
संशोधित योजना के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक घर-घर जाकर जांच कर ली जाएगी, जबकि बाकि दिल्ली में 06 जुलाई तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक फिल्हाल, दिल्ली में 266 कंटेनमेंट जोन हैं।