पटना, एमएम : बिहार में विधान परिषद के नौ सीटों के चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल अब अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने के अंतिम चरण में है। इसी में सत्ताधारी जदयू ने अपने कोटे के तीनों उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। संचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जिन तीनों का नाम घोषित किया गया है उनमें प्रो. गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी का नाम है। जिन तीन पार्टी नेताओं को दल ने बिहार विधान परिषद में भेजने के लिए चुना है उनमें एक अल्पसंख्यक, एक महिला जबकि एक अत्यंत पिछड़ा समाज से हैं।
मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय संगठन महासचिव व सांसद आरसीपी सिंह ने बताया कि जदयू की कोर कमेटी ने प्रत्याशियों के चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया था। हमारे नेता ने तीनों उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। प्रो. गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी जदयू कैंडिडेट होंगे। प्रो. गौस पूर्व विधान पार्षद हैं जबकि कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी पहली बार किसी सदन के सदस्य बनेंगे। ये तीनों प्रत्याशी 25 जून को वरिष्ठ पार्टी नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दर्ज करेंगे। प्रदेश जदयू अध्यक्ष व सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि दल के नेता ने जमीनी कार्यकर्ताओं को अवसर दिया है, इससे अच्छा संदेश गया है।
Bihar: Janata Dal United's Gulam Gaus, Kumud Verma and Bhism Sahni named party's candidates for Bihar Legislative Council Elections 2020
— ANI (@ANI) June 23, 2020
गौरतलब हो कि बिहार विधान परिषद की जिन नौ सीटों पर सदस्यों का कार्यकाल पूरा हुआ है उनमें से छह जदयू के थे। बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या बल के आधार पर इनमें से तीन सीटें जदयू के खाते में गयी हैं। जदयू के जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हुआ है उनमें हारून रशीद, अशोक चौधरी, प्रशांत कुमार शाही, सोनेलाल मेहता, हीरा प्रसाद बिंद, सतीश कुमार शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक प्रो. गुलाम गौस 1998 से लेकर 2010 तक तीन बार राजद कोटे से बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वे विप में प्रतिपक्ष के नेता भी रहे हैं। अबकी चौथी बार जदयू की ओर से विधान परिषद जायेंगे। सन् 74’ आंदोलन में सक्रिय रहे गुलाम गौस ने टिकट बंटबारेँ में सामाजिक न्याय की अनदेखी के विरोध में 2014 अप्रैल में राजद और विप की सदस्य से इस्तीफा कर दिया था और जदयू में शामिल हो गए थे।
जदयू की ओर से प्रत्याशी बनाई गईं डा. कुमुद वर्मा राजनीतिक परिवार से हैं। ससुर पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्रनाथ वर्मा जबकि पिता स्व. रामसेवक प्रसाद से मिली सीख की वजह से कामर्स में पीएचडी डिग्रीधारी श्रीमती वर्मा ने समाज सेवा का क्षेत्र ही चुना। 20 साल से जदयू से जुड़ी हैं। कुमुद वर्मा दल में प्रदेश सचिव रही हैं और अभी राष्ट्रीय परिषद की सदस्य हैं।
बगहा के रतनमाला निवासी भीष्म साहनी जदयू के एक मजबूत कार्यकर्ता हैं। समता पार्टी के समय से ही नेता और दल से जुड़े हैं। 2015 विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर इन्होंने बगहा से चुनाव लड़ा था और 7100 वोट से हार गए थे। प्रदेश संगठन सचिव समेत कई जिलों के संगठन प्रभारी रहे हैं। ये अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं।