पटना, एमएम : बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। दल बदल की प्रक्रिया भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। बिहार में महागठबंधन के लिए मंगल अमंगल साबित हो रहा है। आज ही राजद के पांच एमएलसी ने राजद को झटका देते हुए जदयू का दामन थाम लिया। तो दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश बाबु भी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। महागठबंधन के सहयोगी दल भी राजद को ऑंखें दिखा रहे हैं। कांग्रेस को छोड़ सभी दल तेजस्वी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। हम सुप्रीमो मांझी का अलग ही राग है।
इसी बीच बिहार में महागठबंधन बचाने की कवायद तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के जदयू में जाने की चर्चा बहुत जोड़ पकड़ रही है। इसी के बाद कांग्रेस ने सोमवार को इसकी पहल की। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को मिलने के लिए मांझी को न्यौता दिया। बताया जाता है कि सोनिया गाँधी के इस न्यौता को मांझी ने स्वीकार कर लिया है। मंगलवार को दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात होगी।
दरअसल, बिहार के राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा जोरों पर है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी फिर से नीतीश कुमार की शरण में जाने की तैयारी में हैं। नियमित रूप से वह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संपर्क में हैं। वहीं आधिकारिक तौर पर उनके जदयू में फिर से लौटने की घोषणा 26 जून को हो सकती है। ऐसी संभावना को देखते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी कह दिया है कि जदयू में अगर मांझी लौटते हैं तो उनका स्वागत है।
इसके बाद से बिहार की सियासत में अचानक हलचल मच गई। महागठबंधन के नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए। महागठबंधन को बिहार में बचाने के लिए कांग्रेस ने सोमवार शाम में अचानक अपनी कवायद तेज कर दी। इस बाबत आनन-फानन में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मांझी को मिलने का न्यौता दिया। बताया जाता है कि दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात मंगलवार शाम को 5 बजे 10 जनपथ दिल्ली में होगी। दोनों की बातचीत से क्या कुछ निकलता है, बात बनती है या नहीं, इस पर अभी कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
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