दिल्ली, न्यूज़ डेस्क, एमएम : इस समय कोरोना वायरस का दंश भारत ही नहीं पूरी दुनियां झेल रहा है। विश्व के 208 देशों में 194 देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। इस वायरस से जंग जीतने के लिए पूरी दुनिया को वैक्सीन का इंतजार है। वैक्सीन डिवेलपमेंट में दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की तरह भारत ने भी बड़ी कामयाबी हासिल की है।
COVAXIN™, India's 1st indigenous Covid-19 vaccine, developed by Bharat Biotech successfully enters human trials.
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— BharatBiotech (@BharatBiotech) June 29, 2020
बतादें कि हैदराबाद बेस्ड बायोटेक्नॉलजी कंपनी भारत बायोटेक अपने वैक्सीन का मानव परीक्षण जुलाई में शुरू करने जा रही है। कंपनी ने सोमवार को देश का पहला कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ सफलतापूर्वक बना लेने का दावा किया। कंपनी ने यह भी कहा है कि इसे ड्रग कंट्रोर जनरल ऑफ इंडिया यानि डीजीसीआई से मानव परीक्षण की मंजूरी मिल गई है।
COVAXIN™, India's 1st indigenous Covid-19 vaccine, developed by @BharatBiotech in coordination with @ICMRDELHI and NIV (Pune) successfully enters human trials.
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— Mann Ki Baat Updates (@mannkibaat) June 30, 2020
कंपनी की ओर से जारी ब्यान में कहा गया है कि वैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
DCGI gives nod to Bharat Biotech to conduct phase I & II Human clinical trials to develop indigenous vaccine for COVID-19 https://t.co/E5ZS3J9LNC
— ICMR (@ICMRDELHI) June 30, 2020
कंपनी ने कहा, ”SARS-COV-2 स्ट्रेन को एनआईवी पुणे में आइसोलेट किया गया और फिर इसे भारत बायोटेक में भेजा गया। स्वदेशी इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 यानि हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में विकसित किया गया और फिर इसका उत्पादन किया गया। यह हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित है।
प्री-क्लीनिकल स्टडीज में सुरक्षित और इम्यून रिस्पांस पाए जाने के बाद रिजल्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले ड्रग कंट्रोलर के पास जमा कराया गया। ड्रग कंट्रोलर ने इसके बाद फेज I और फेज II के लिए ह्यूमन क्लीनिक ट्रायल की मंजूरी दी।
भारत बायोटेक के चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कृष्णा इल्ला ने बताया, ”जुलाई 2020 में देशभर में मानव परीक्षण शुरू किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि वैक्सीन डिवेलपमेंट एक मील का पत्थर है और कंपनी को इसकी घोषणा करते हुए गर्व है।
डॉ इल्ला के मुताबिक, ” इस वैक्सीन के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी का सहयोग महत्वपूर्ण था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन ने इस परियोजना को मंजूरी दिलाई। उन्होंने कहा, ”हम राष्ट्रीय महत्व के वैक्सीन डेवलपमेंट को एडवांस करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि यह भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए भारत की मजबूती को दिखाए।”