पटना, एमएम : बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आते जा रहा सभी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बेचैनी बढ़ने लगी है। आलम यह है कि घटक दल एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप से भी बाज नहीं आ रहे हैं। महागठबंधन में सीट शेयरिंग और समन्वय समिती बनाने को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। उधर गठबंधन के सबसे बड़े दल राजद 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटा है। अंदरखाने सब तैयारियां चल रही है। इसी सब से नाराज होकर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन टूट गया है। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया है। गुरुवार को पार्टी की कोर कमिटी की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है। वैसे सियासी गलियारे में चर्चा है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
महागठबंधन के लोग हमें समझ नहीं रहे थे। वो सोचते थे कि इन लोगों में क्षमता नहीं है ये कुछ नहीं कर सकते। इस उपेक्षा का दंश हम कब तक झेलते। 1-डेढ़ साल से हमारी गठबंधन सरकार के बड़े नेताओं के साथ कोई बात नहीं हुई। ये उपेक्षा कहीं न कहीं घातक थी: MLC, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन pic.twitter.com/jJjcAuPDXp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 20, 2020
पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पत्रकारों को महागठबंधन से अलग होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में निरंतर उपेक्षा और समन्वय समिति की गठन करने की बात नहीं माने जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।
रिजवान ने बताया कि किसी अन्य गठबंधन में जाने के संबंध में अगले दो-तीन दिनों में ही निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं किया गया है कि आखिर मांझी कहां जाऐंगे। वहीं चर्चा है कि मांझी फिर से एनडीए में घर वापसी कर सकते हैं। उनकी जेडीयू के नेताओं से इस मामले में बातचीत भी हो चुकी है।