कानपुर, एमएम : यूपी की कमान जब से मुख्यमंत्री योगी के हाथ में आया तब से उत्तरप्रदेश में कुछ हद तक अमन चैन दिख रहा था। अपराधियों में खौफ था। लोग पुलिस को सम्मान की दृष्टि से देखने लगे थे। लेकिन गुरुवार की बीच रात जिस तरह से पुलिस टीम पर हमला हुआ निश्चित रूप से रौंगटे खड़े कर दिए। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड में आरोपी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर गुरुवार रात दबिश देने गई पुलिस पर हमला हो गया।
Eight Policemen who lost their lives after being fired upon by criminals in Kanpur today are — CO Devendra Kumar Mishra, SO Mahesh Yadav, Chowki Incharge Anup Kumar, Sub-Inspector Nebulal, Constables Sultan Singh, Rahul, Jitendra and Bablu.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2020
बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें शिवराजपुर एसओ महेश यादव, सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। वहीं, चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। आपको बता दें कि गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने मिलकर विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी। इस फायरिंग के बाद एसएसपी, तीन एसपी और एक दर्जन से अधिक थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया।
Kanpur encounter site, where 8 Uttar Pradesh policemen were killed in encounter with criminals, early morning today. pic.twitter.com/yqZkMwLTAi
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2020
मौके पर मौजूद एसओ बिठूर के हमराही (सिपाही) विकास बघेल ने रोते हुए बताया कि जैसे ही पुलिस की जीप गांव पहुंची और सभी पुलिसकर्मी गाड़ी से उतरे वैसे ही दो मंजिला मकान की छत पर हथियारों से लैस 50 लोगों ने हमला कर दिया। पुलिसकर्मी संभल भी नहीं पाए। सबसे पहले गोली शिवराजपुर एसओ महेश यादव को लगी। उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला और वो खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़े। जिसके बाद गोली और बम की बौछार होने लगी।
During combing operation following last night's encounter, two Police personnel were injured & two criminals have been neutralised. We have also recovered weapons that were used in firing Police personnel at night. Search underway to nab other accused: Mohit Agarwal, IG Kanpur pic.twitter.com/wMlsIHQIX5
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2020
गोली लगने से घायल बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात को चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने गई थी। बिठूर व चौबेपुर पुलिस ने छापेमारी करके विकास के घर को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास कर ही रही थी कि विकास के साथ मौके पर मौजूद 8-10 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते गोली मेरी जांघ और हाथ पर लग गई। इसके बाद अपराधी मौके से भाग निकले।
7 other persons including a civilian were also injured in the incident. Few police weapons are also missing. Those responsible for the act will be caught and produced before the law: ADG Law and Order Prashant Kumar on 8 policemen shot dead in encounter with criminals in Kanpur pic.twitter.com/Z3cBsf0gdM
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2020
हमले की जानकारी मिलते ही एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार समेत तीन एसपी और कई सीओ सर्किल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। देर रात तक अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देती रही। वहीं, कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायन सिंह ने 8 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चार और पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक है।
मारे गए पुलिसकर्मीयों के नाम है वेंद्र कुमार मिश्र, सीओ बिल्हौर, महेश यादव, एसओ शिवराजपुर, अनूप कुमार, चौकी इंचार्ज मंधना, नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर, सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर, राहुल ,कांस्टेबल बिठूर, जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर, बबलू कांस्टेबल बिठूर शामिल हैं।
कानपुर में हुई इस बड़ी घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। सीएम योगी डीजीपी और अपर मुख्य सचव गृह से लगातार बात कर रहें हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सीएम ने इस मामले में तुंरत रिपोर्ट मंगवाई है। वहीं, सीएम ने इस मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी है।
वहीं घायल पुलिसकर्मियों ने बताया कि दबिश के दौरान अपराधियों ने इस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कि जैसे पहले से ही उन्हें भनक लग गई थी। लेकिन बिठूर और चौबेपुर पुलिस की घेराबंदी होने के चलते समझ ही नहीं सके। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती या मोर्चा संभालती सात लोगों के गोली लगने से बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बदमाश मौके से भाग निकले।
बतादें कि 25000 के इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं। साल 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपित है।